मंगलवार, 3 जुलाई 2007

सिर्फ तुम

हर शाम यूँ ही दिल के हाथों,
बैठता बेबस बना...
बुनता तो था सपने मगर,
हर भाव दिल का अनमना...
सोचते थे कैसी इस
बड्वाग्नि में फस गए,
आखों में जिनको बसाया
दूर जाकर बस गए...
यूँ रोते हुए आइना देखा
तो खुद ही हँस पडे,
पीर के आंसू ख़ुशी के
मोती बन बरस पडे...
झलक पाने को था जिसकी
सदियों से मैं तरस रहा,
पाकर उसे यूँ सामने
मन मयूर हरस रहा...
ना जाने कैसे आईने में
छवि उनकी आ गयी,
साँसें हुईं अवरुद्ध सी
स्तब्धता सी छा गयी...
बोली अरे पागल तुझे मैं
छोड़कर कहॉ जाऊंगी,
मैं नदी तू मेरा सागर,
तुझमें ही मिल जाऊंगी..
देख मेरे दिल में,
तेरी धड़कनों का साज़ है
और तेरे गीत में बस,
मेरी ही आवाज है...
मैं चाँदनी तुम चाँद हो
मैं रागनी तो राग तुम,
मैं पुष्प हूँ कोई अगर तो
गंध तुम पराग तुम
प्रीत तुम हो मीत तुम
प्यास तुम अनुराग तुम
धैर्य तुम और शक्ति तुम
रौशनी के चिराग तुम
सिर्फ तुम हाँ सिर्फ तुम
बस तुम ..

8 टिप्‍पणियां:

moksha ने कहा…

since wen u started writing poems chachu....

waise all are really good!!

Pooja M ने कहा…

hello,nice poems.....read them for the first time but they r good...i am a novice...like to write but haven't got enough courage to post here:-) But like to read. Rashmi Rathi is my fav also. And ur hindi is really good...plz don't mind my message in english.

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav ने कहा…

Dhanyawaad dosto? apna parichaya to chhoda hota? kam se kam sukriya ada karne ka mauka to diya hota ..
heartly thnx from the core of my heart to hv a glance on my blog..

Sanjeet Tripathi ने कहा…

बढ़िया!!

रंजू भाटिया ने कहा…

मैं पुष्प हूँ कोई अगर तो
गंध तुम पराग तुम
प्रीत तुम हो मीत तुम
प्यास तुम अनुराग तुम
धैर्य तुम और शक्ति तुम
रौशनी के चिराग तुम
सिर्फ तुम हाँ सिर्फ तुम
बस तुम ..


बहुत ख़ूब पहली बार पढ़ा आपका लिखा ..बहुत अच्छा लिखते हैं आप

बधाई ...

शिवानी ने कहा…

bhupendra ji,aapne bahut hi umda likha hai..bahut achcha prayas hai..aap likhte rahiyega..hum ne bhi kuch likhne ka prayas kiya hai ....aapke vichaar agar hum apni post mein jaan sakein to hamein achcha lagega...so plz visit...
http://kuchsapnokikhatir.blogspot.com

शिवानी ने कहा…

bhupendra ji thanx aapne meri request accept kari aur apne anmol shabdo se jo blog ki shaan badhai hai ...jis tarah se aapne apne hindyugm ki ek nayi member ke naate meri honsla ajzai ki hai uske liye mein tah-e-dil se aapki shukr guzaar hoon..aapne to apne ek hi comment se hamein zameen se falak per pahuncha diya...thanx a lot raghav ji....isi tarah hamein aapse sahyog ki asha rahegi....

शिवानी ने कहा…
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